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Saturday, July 14, 2018

Puraskar

ACHARYA ANGAD CHAUPAL RAJENDRA SARSWATI SHISHU MANDIR BIRAUL .

साहित्य अकादमी पुरस्कार 2017


भाषाशीर्षक और शैलीलेखक
असमियामरियाहोला (उपन्‍यास)जयंत माधब बरा
बांग्लासेइ निथोंज मानुषटा (उपन्‍यास)आफसार आमेद
बोडोथैसाम (उपन्‍यास)रीता बर
डोगरीबन्ना (कहानी संग्रह)शिव मेहता
अंग्रेजीद ब्लैक हिल (उपन्‍यास)ममंग दई
गुजरातीगुजराती व्याकरणनां बसो वर्ष (समालोचना)उर्मि घनश्याम देसाई
हिन्‍दीविश्वमिथकसरित्सागर (साहित्यिक समालोचना)रमेश कुंतल मेघ
कन्‍नड़कथन भारती (साहित्यिक समालोचना)टी.पी. अशोक
कश्‍मीरीयेलि परदा वोथ (कहानी संग्रह)औतार कृष्ण रहबर
कोंकणीखांद आनी हेरकथा (कहानी संग्रह)गजनान जोग
मैथिलीजहलक डायरी (कविता संग्रह)उदय नारायण सिंह 'नचिकेता'
मलयालमदैवतिटे पुस्तकम (उपन्‍यास)के.पी. रामनुन्नी
मणिपुरीचही तरेत् खुताकपा (नाटक)राजेन तोइजाम्बा
मराठीबोलावें ते आम्ही (कविता संग्रह)श्रीकांत देशमुख
नेपालीकृति विमर्श (साहित्यिक समालोचना)वीणा हाङ्गखिम
उडियाइटाभाटिर शिल्पी (कहानी संग्रह)गायत्री सराफ
पंजाबीस्लो डाउन (उपन्‍यास)नछत्तर
राजस्‍थानीबिना हसाल पाई (समालोचना)नीरज दइया
संस्कृतगंगापुत्रा वदानम (कविता संग्रह)निरंजन मिश्र
संथालीताहेनाजें ताडीरें (कविता संग्रह)भुजंग टुडु
सिंधीआछेन्द लज मरान (निबंध संग्रह)जगदीश लछाणी
तमिलकानधल नाटकल (कविता संग्रह)स्व. इंकलाब
तेलुगुGaali Rangu (कविता संग्रह)देवप्रिया
उर्दूदख़मा (कहानी संग्रह)बेग एहसास
Sa
The Sangeet Natak Akademi was established by the then Ministry of Education, Government of India by a Resolution dated the 31st of May, 1952 as the National Academy of Music, Dance and Drama, and was inaugurated by the first President of India, Dr Rajendra Prasad on the 28th of January, 1953. It was created as the apex body in the country for carrying out the task of preservation and promotion of the performing arts of India. One of the important activities of the Akademi has been to give recognition and honours to artists as it would help in setting standards in these arts, and restore the art and artists to their rightful place in Independent India.
The institution of Sangeet Natak Akademi Awards is now more than fifty years old and the large body of practitioners, gurus and scholars in the performing arts honoured by the Akademi represent the nation’s highest achievement in music, dance and drama. The Awards in Hindustani and Carnatic music were instituted as early as 1951, even before the Akademi was set up and these were known as Presidential Awards. With the formation of the Akademi, the Awards came to be known as Sangeet Natak Akademi Awards, and the investiture became the responsibility of the Akademi. The Presidential Awards for 1952 and 1953 were subsequently incorporated in the list of Sangeet Natak Akademi Awards.
The most prestigious and rare honour of Sangeet Natak Akademi Fellowship (Akademi Ratna Sadasyata) was restricted to 30 eminent persons at any given time till last year. However, consequent upon the amendment of the Rules and Regulations in the meeting of the General Council on the 29th of January, 2010, ten more seats of Akademi Fellows have been increased to be filled up in a phased manner over five years – two seats per year. Hence, at present, there are only 32 living Fellows. The first Fellow of the Akademi was elected in 1954, and till date, the Akademi has honoured 123 eminent personalities as Akademi Fellows (Akademi Ratna).
The General Council of Sangeet Natak Akademi at its meeting held in New Delhi on the 29th of January and 12th of February, 2010 elected Shri Lalgudi G Jayaraman, eminent Carnatic Violinist from Chennai, Shri Shreeram Lagoo, eminent theatre actor from Pune, Ms Yamini Krishnamurti, eminent Bharatanatyam exponent from New Delhi, Shri Kamlesh Dutt Tripathi, eminent scholar of Sanskrit Theatre from Allahabad, Pandit Jasraj and Smt. Kishori Amonkar, both eminent Hindustani vocalists from Mumbai as Fellows of the Akademi. The Akademi Fellowship carries purse money of Rs 3.00 lakh in cash, a Tamrapatra and an Angavastram.
As regards the Sangeet Natak Akademi Awards, the number of awards to be given annually is 33 at present and, till date, over 1000 artists have been honoured. The Akademi Awards carries purse money of Rs 1.00 lakh in cash, a Tamrapatra and an Angavastram.
It is a matter of gratification that the Akademi Fellowship and Akademi Awards are recognized as the highest national honour conferred on practicing artistes, gurus and scholars, and have come to stay as the most coveted honours to which the artistes aspire. What makes these Akademi honours unique is perhaps the fact that they are conferred by a body consisting of specialists in different fields of performing arts and representatives from different States and Union Territories of the country. These honours in recognition of sustained and meritorious achievement and service to the performing arts have been receiving wide public attention. They also give an idea of the growth and development of the performing arts and our understanding of the same in the post-independent India.
Yet, in a democratic nation formed by a union of States and Territories having multiple cultural steams, the task of selecting artistes for recognition, representing the acme and essence of the nations’s creativity, is a difficult one. The task becomes all the more humbling when it is realized that, on one hand, we have inherited such a rich mass of tradition in this country of sub-continental dimensions the depth of which we are still trying to fathom, and, on the other hand, considerable creative energies were unleashed during the last six decades that interacted with the tradition as also with the influence from outside. In such a scenario, the Sangeet Natak Akademi is striving to ensure that its various schemes and programmes, particularly the prestigious honours that it confers, address themselves adequately to the tradition as well as its changing manifestations, and suitable strategies are adopted from time to time to withstand the juggernaut of globalization so that the variegated expressions of India’s cultural identity continue to flower and flourish.

नोबेल पुरस्कार विजेता

अमर्त्य सेन (जन्मः 1933): अर्थशास्त्र के लिए 1998 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रोफेसर अमर्त्य सेन पहले एशियाई हैं। शांतिनिकेतन में जन्मे इस विद्वान अर्थशास्त्री ने लोक कल्याणकारी अर्थशास्त्र की अवधारणा का प्रतिपादन किया है। उन्होंने कल्याण और विकास के विभिन्न पक्षों पर अनेक पुस्तकें तथा पर्चे लिखे हैं। प्रोफेसर सेन आम अर्थशास्त्रियों के समान नहीं हैं। वह अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ, एक मानववादी भी हैं। उन्होंने, अकाल, गरीबी, लोकतंत्र, स्त्री-पुरुष असमानता और सामाजिक मुद्दों पर जो पुस्तकें लिखी हैं, वे अपने-आप में बेजोड़ हैं। केनेथ ऐरो नाम के एक अर्थशास्त्री ने असंभाव्यता सिद्धांत नाम की अपनी खोज में कहा था कि व्यक्तियों की अलग-अलग पसंद को मिलाकर समूचे समाज के लिए किसी एक संतोषजनक पसंद का निर्धारण करना संभव नहीं है। प्रोफेसर सेन ने गणितीय आधार पर यह सिद्ध किया है कि समजा इस तरह के नतीजों के असर को करने के उपाय ढूंढ सकता है।
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर(1910-1995): सन 1983 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर खगोल भौतिक शास्त्री थे। उनकी शिक्षा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई। वह नोबेल पुरस्कार विजेतर सर सी.वी. रमन के भतीजे थे। बाद में चंद्रशेखर अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने खगोल भौतिक शास्त्र तथा सौरमंडल से संबंधित विषयों पर अनेक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने ‘व्हाइट ड्वार्फ’ यानी श्वेत बौने नाम के नक्षत्रों के बारे में सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इन नक्षत्रों के लिए उन्होंने जो सीमा निर्धारित की है, उसे चंद्रशेखर सीमा कहा जाता है। उनके सिद्धांत से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अनेक रहस्यों का पता चला।
मदर टेरेसा (1910-1997): मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। मदर का जन्म अल्बानिया में स्कोपजे नामक स्थान पर हुआ था, जो अब यूगोस्लाविया में है। उनका बचपन का नाम एग्नस गोंक्सहा बोजाक्सिऊ था। सन 1928 में वह आयरलैंड की संस्था सिस्टर्स आफ लोरेटो में शामिल हुईं और मिशनरी बनकर 1929 में कोलकाता आ गईं। उन्होंने बेसहारा और बेघरबार लोगों के दुख दूर करने का महान व्रत लिया। निर्धनों और बीमार लोगों की सेवा के लिए उन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नाम की संस्था बनाई और कुष्ठ रोगियों, नशीले पदार्थों की लत के शिकार बने लोगों तथा दीन-दुखियों के लिए निर्मल हृदय नाम की संस्था बनाई। यह संस्था उनकी गतिविधियों का केंद्र बनी। उन्होंने पूरी निष्ठा से न सिर्फ बेसहारा लोगों की निःस्वार्थ सेवा की, बल्कि विश्व शांति के लिए भी प्रयास जारी रखे। उन्हीं की बदौलत भारत शांति के लिए अपने एक नागरिक द्वारा नोबेल प्राप्त करने का गौरव प्राप्त कर सका है।
हरगोबिंद खुराना (1922-2011): हरगोबिंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। भारतीय मूल के डॉ. खुराना का जन्म पंजाब में रायपुर (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। उन्होंने लिवरपूल विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में डाक्टरेट की डिग्री ली। सन 1960 में वह विस्कौसिन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक बने। उन्होंने अपनी खोज से आनुवांशिक कोड की व्याख्या की और प्रोटीन संश्लेषण में इसकी भूमिका का पता लगाया।
चंद्रशेखर वेंकटरमन (1888-1970): भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमन थे। उन्हें 1930 में यह पुरस्कार प्राप्त हुआ। रमन का जन्म तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली के पास तिरुवाइक्कावल में हुआ था। उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। बाद में वह कोलकाता विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर बने। चंद्रशेखर वेंकटरमन ने अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। उन्हें ‘सर’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया और प्रकाशकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने अपने अनुसंधान में इस बात का पता लगाया कि किस तरह अपसरित प्रकाश में अन्य तरंग, लंबाई की किरणें भी मौजूद रहती हैं। उनकी खोज को रमन प्रभाव के नाम से भी जाना जाता है। सन 1928 में की गई इस खोज से पारदर्शी माध्यम से होकर गुजरने वाली प्रकाश किरणों में आवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की गई है।
रवींद्रनाथ ठाकुर (1861-1943): रवींद्रनाथ ठाकुर, साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे। ‘गुरुदेव’ के नाम से प्रसिद्ध रवींद्रनाथ ठाकुर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता में हुआ। उन्हें उनकी कविताओं की पुस्तक गीतांजलि के लिए 1913 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया। रवींद्रनाथ ठाकुर ने अनेक प्रेमगीत भी लिखे हैं। गीतांजलि और साधना उनकी महत्वपूर्ण कृतियां हैं। महान कवि, नाटककार और उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्ध ‘गुरुदेव’ ने भारत के राष्ट्र गान का भी प्रणयन किया। सन 1901 में उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की, जो बाद में विश्वभारती विश्वविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

शूरवीरता सम्‍मान

बहादुरी और शौर्य की प्रशंसा की कला नवीन नहीं है। ये राष्‍ट्र के स्‍थायित्‍व का एक महत्‍वपूर्ण घटक बनाते हैं। इतिहास में शौर्यता को आदर और प्रशंसा के रूप में परिभाषित किया गया है। हमारी लोक कथाओं में भी बहादुरी को मान्‍यता देने की संकल्‍पना स्‍पष्‍ट रूप से देखी जा सकती है। महाभारत में धर्म के कारण एक सूरमा के रूप में मरने का गौरव स्‍वर्ग का सबसे आसान रास्‍ता माना गया। वास्‍तव में, युद्ध के मैदान में किसी भी प्रकार की मौत को गौरवशाली माना गया था।
चाहे यह एक राजवंश के नियुक्‍त प्रमुख की बा‍त हो, या शहीदों। बहादुर आत्‍माओं के सम्‍मान में बनाए गए स्‍मारक हों या उन्‍हें दी गई उपाधियाँ, सम्‍मान के स्‍तंभ, नकद पुरस्‍कार या पदक आदि, बहादुरी को मान्‍यता देना एक अत्‍यन्‍त प्रतिष्ठित कार्य रहा है। भारत में ब्रिटिश राज की समाप्ति के साथ ब्रिटिश सम्‍मानों और पुरस्‍कारों की पुरानी संस्‍था का अंत हुआ। स्‍वतंत्र भारत में परमवीर चक्र, महावी चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र आदि सम्‍मान आरंभ किए गए।

अशोक चक्र

अशोक चक्र की श्रृंखला नागरिकों के लिए भी खुली है। राज्‍य सरकारों/संघ राज्‍य प्रशासनों और केन्‍द्रीय सरकार के मंत्रालयों/विभागों से प्राप्‍त नागरिकों के संदर्भ में सिफारिशों पर रक्षा मंत्रालय द्वारा केन्‍द्रीय सम्‍मानों पर विचार किया जाता है और रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता में गठित पुरस्‍कार दो वर्ष में एक बार दिए जाते हैं और इनकी घोषणा गणतंत्र दिवस और स्‍वतंत्रता दिवस पर की जाती है।

शौर्य चक्र

यह शौर्यता पुरस्‍कार दुश्‍मन का सामना करने से अलग परिस्थिति में दिया जाता है। यह पुरस्‍कार नागरिकों अथवा सेना कर्मियों को दिया जा सकता है तथा यह मृत्‍यु उपरान्‍त भी दिया जा सकता है।
ACHARYA ANGAD CHAUPAL RAJENDRA SARSWATI SHISHU MANDIR BIRAUL .

भारत की कुछ प्रमुख नदियां


क्रम सं.नदीलंबाई (किमी)
1.सिंधु2,900
2.ब्रह्मपुत्र2,900
3.गंगा2,510
4.गोदावरी1,450
5.नर्मदा1,290
6.कृष्णा1,290
7.महानदी890
8.कावेरी760

सेना अध्यक्ष नाम कार्यकाल

ACHARYA ANGAD CHAUPAL RAJENDRA SARSWATI SHISHU MANDIR BIRAUL .

कमांडर- इन- चीफ


नामकार्यकाल
जनरल सर राय बूचर1 जनवरी 1948 - 14 जनवरी 1949
जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा15 जनवरी 1949 - 14 जनवरी 1953
जनरल महाराज राजेंद्र सिंहजी15 जनवरी 1953 - 31 मार्च 1955

थलसेना अध्यक्ष

नामकार्यकाल
जनरल महाराज राजेंद्र सिंहजी01 अप्रैल 1955 - 14 मई 1955
जनरल एस.एम. श्रीनागेश15 मई 1955 - 7 मई 1957
जनरल के.एस. थिमैया08 मई 1957 - 7 मई 1961
जनरल आर.एन. थापर08 मई 1961 - 19 नवंबर 1962
जनरल जे.एन. चौधरी20 नवंबर 1962 - 7 जून 1966
जनरल पी.पी. कुमारमंगलम08 जून 1966 - 7 जून 1969
जनरल एस.एच.एफ.जे. मानेकशा08 जून 1969 - 31 दिसंबर 1972
फील्ड मार्शल एस.एच.एफ.जे. मानेकशा01 जनवरी 1973 - 14 जनवरी 1973
जनरल जी.जी. बेवूर15 जनवरी 1973 - 31 मई 1975
जनरल टी.एन. रैना01 जून 1975 - 31 मई 1978
जनरल ओ.पी. मलहोत्रा01 जून 1978 - 31 मई 1981
जनरल के.वी. कृष्णाराव01 जून 1981 - 31 जुलाई 1983
जनरल ए.एस. वैद्य01 अगस्त 1983 - 31 जनवरी 1986
जनरल के. सुंदरजी01 फरवरी 1986 - 30 अप्रैल 1988
जनरल वी.एन. शर्मा01 मई 1988 - 30 जून 1990
जनरल एस.एफ. रोड्रिग्स01 जुलाई 1990 - 30 जून 1993
जनरल बी.सी. जोशी01 जुलाई 1993 - 18 नवंबर 1994
जनरल एस. राय चौधरी22 नवंबर 1994 - 30 सितंबर 1997
जनरल वी.पी. मलिक01 अक्टूबर 1997 - 30 सितंबर 2000
जनरल एस. पद्मनाभन30 सितंबर 2000 - 31 दिसंबर 2002
जनरल जे.जे. सिंह01 फरवरी 2005 - 30 सितंबर 2007
जनरल दीपक कपूर30 सितंबर 2007-30 मार्च 2010
जनरल वीके सिंह31 मार्च 2010 - 31 मई 2012
जनरल बिक्रम सिंह01 जून 2012 से 31 जुलाई 2014
जनरल दलबीर सिंह सुहाग31 जुलाई 2014 - 31 दिसंबर 2016
जनरल बिपिन रावत31 दिसंबर 2016 - अब तक

वायुसेना अध्यक्ष

नामकार्यकाल
एयर मार्शल सर थॉमस एमहर्स्ट15 अगस्त 1947 - 21 फरवरी 1950
एयर मार्शल सर रोनाल्ड चैपमैन22 फरवरी 1950 - 9 दिसंबर 1951
एयर मार्शल सर जेराल्ड गिब्स10 दिसंबर 1951 - 31 मार्च 1954
यर मार्शल एस. मुखर्जी01 अप्रैल 1954 - 8 नवंबर 1960
एयर मार्शल ए.एम. इंजीनियर01 दिसंबर 1960 - 31 जुलाई 1964
एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह01 अगस्त 1964 - 15 जुलाई 1969
एयर चीफ मार्शल पी.सी. लाल16 जुलाई 1969 - 15 जनवरी 1973
एयर चीफ मार्शल ओ.पी. मेहरा16 जनवरी 1973 - 31 जनवरी 1976
एयर चीफ मार्शल एच. मुलगांवकर01 फरवरी 1976 - 31 अगस्त 1978
एयर चीफ मार्शल आई.एच. लतीफ01 सितंबर 1978 - 31 अगस्त 1981
एयर चीफ मार्शल दिलबाग सिंह01 सितंबर 1981 - 4 सितंबर 1984
एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे05 सितंबर 1984 - 1 जुलाई 1985
एयर चीफ मार्शल डी.ए. ला फोंतेन03 जुलाई 1985 - 31 जुलाई 1988
एयर चीफ मार्शल एस.के. मेहरा01 अगस्त 1988 - 31 जुलाई 1991
एयर चीफ मार्शल एन.सी. सूरी01 अगस्त 1991 - 31 जुलाई 1993
एयर चीफ मार्शल एस.के. कौल01 अगस्त 1993 - 31 दिसंबर 1995
एयर चीफ मार्शल एस.के. सरीन01 जनवरी 1996 - 31 दिसंबर 1998
एयर चीफ मार्शल ए.वाई. टिपनिस01 जनवरी 1999 - 31 दिसंबर 2001
एयर चीफ मार्शल एस. कृष्णास्वामी31 दिसंबर 2001 - 31 दिसंबर 2004
एयर चीफ मार्शल एस. पी. त्यागी31 दिसंबर 2004 - 31 मार्च 2007
एयर चीफ मार्शल एफ एच मेजर31 मार्च 2007 - 31 मई 2009
एयर चीफ मार्शल पीवी नाईक01 जून 2009 - 31 जुलाई 2011
एयर चीफ मार्शल नारमन अनिल कुमार ब्राउन31 जुलाई 2011 से 31 दिसंबर 2013
यर चीफ मार्शल अरूप राहा31 दिसंबर 2013 - 31 दिसंबर 2016
एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ31 दिसंबर 2016 - अब तक
ACHARYA ANGAD CHAUPAL RAJENDRA SARSWATI SHISHU MANDIR BIRAUL .

संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष


नामकार्यकाल
सर रोस बार्कर1926-1932
सर डेविड पेट्रीअगस्त 1932-1936
सर आयरे गोर्डन1937-1942
सर एफ. डब्ल्यू. राबर्टसन1942-1947
री एच. के. कृपलानी1 अप्रैल 1947 - 13 जनवरी 1949
श्री आर. एन. बनर्जी14 जनवरी 1949 - 9 मई 1955
श्री एन. गोविंदराजन10 मई 1955 - 9 दिसंबर 1955
श्री वी. एस. हेजमाड़ी10 दिसंबर 1955 - 9 दिसंबर 1961
श्री बी. एन. झा11 दिसंबर 1961 - 22 फरवरी 1967
री के. आर. दामले18 अप्रैल 1967 - 2 मार्च 1971
री आर. सी. एस. सरकार11 मई 1971 - 1 फरवरी 1973
डॉ. ए. आर. किदवई5 फरवरी 1973 - 4 फरवरी 1979
डॉ. एम. एल. शहारे16 फरवरी 1979 - 16 फरवरी 1985
री एच. के. एल. कपूर18 फरवरी 1985 - 5 मार्च 1990
री जे.पी. गुप्ता05 मार्च 1990 - 2 जून 1992
रीमती आर.एम. बाथ्यू (खरबुली)23 सितंबर 1992 - 23 अगस्त 1996
री एस.जे.एस. छतवाल23 अगस्त 1996 - 30 सितंबर 1996
श्री जे.एम. कुरैशी30 सितंबर 1996 - 11 दिसंबर 1998
ले. जनरल (सेवानिवृत्त) सुरिंदर नाथ11 दिसंबर 1998 - 25 जून 2002
श्री पी.सी. होता25 जून 2002 - 8 सितंबर 2003
श्री माता प्रसाद08 सितंबर 2003 - 04 जनवरी 2005
डॉ. एस.आर. हाशिम04 जनवरी 2005 - 01 अप्रैल 2006
श्री गुरबचन जगत01 अप्रैल 2006 - 30 जून 2007
प्रोफेसर डीपी अग्रवाल30 जून 2007 - 16 अगस्त, 2014
श्रीमती रजनी राजदान17 अगस्त 2014 - 22 नवम्बर 2014
श्री दीपक गुप्ता23 नवम्बर 2014 - 20 सितंबर 2016
श्रीमती अलका सिरोही21 सितंबर 2016 - 03 जनवरी 2017
प्रो. डेविड आर. सिम्लिहवर्तमान
ACHARYA ANGAD CHAUPAL RAJENDRA SARSWATI SHISHU MANDIR BIRAUL .

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त


नामकार्यकाल
सुकुमार सेन21 मार्च 1950 - 19 दिसंबर 1958
के. वी. के. सुंदरम20 दिसंबर 1958 - 30 सितंबर 1967
एस. पी. सेन वर्मा01 अक्टूबर 1967 - 30 सितंबर 1972
डॉ. नागेंद्र सिंह01 अक्टूबर 1972 - 6 फरवरी 1973
टी. स्वामीनाथन07 फरवरी 1973 - 17 जून 1977
एस.एल. शकधर18 जून 1977 - 17 जून 1982
आर. के. त्रिवेदी18 जून 1982 - 31 दिसंबर 1985
आर. वी. एस. पेरिशास्त्री01 जनवरी 1986 - 25 नवंबर 1990
श्रीमती वी. एस. रमा देवी26 नवंबर 1990 - 11 दिसंबर 1990
टी. एन. शेषन12 दिसंबर 1990 - 11 दिसंबर 1996
एम. एस. गिल12 दिसंबर 1996 - 13 जून 2001
जे. एम. लिंगदोह14 जून 2001 - 7 फरवरी 2004
टी. एस. कृष्णमूर्ति08 फरवरी 2004 - 15 मई 2005
बी. बी. टंडन16 मई 2005 - 29 जून 2006
एन. गोपालस्वामी30 जून 2006 - 20 अप्रैल 2009
नवीन चावला21 अप्रैल 2009 से 29 जुलाई 2010
एस. वाई. कुरैशी30 जुलाई 2010 - 10 जून 2012
वी. एस संपत11 जून 2012 - 15 जनवरी 2015
एच. एस. ब्राह्मा16 जनवरी 2015 - 18 अप्रैल 2015
डॉ. नसीम जैदी19 अप्रैल 2015 - 05 जुलाई, 2017
श्री ए.के. जोति06 जुलाई, 2017 - 22 जनवरी 2018
श्री ओम प्रकाश रावत23 जनवरी 2018 - अब तक
ACHARYA ANGAD CHAUPAL RAJENDRA SARSWATI SHISHU MANDIR BIRAUL .

भारत के प्रधानमंत्री


नामकार्यकाल
जवाहरलाल नेहरू (1889 - 1964)अगस्त 15, 1947 - मई 27, 1964
गुलजारी लाल नंदा (1898 - 1997) (कार्यवाहक)मई 27, 1964 - जून 9, 1964
लाल बहादुर शास्‍त्री (1904 - 1966)जून 09, 1964 - जनवरी 11, 1966
गुलजारी लाल नंदा (1898 - 1997) (कार्यवाहक)जनवरी 11, 1966 - जनवरी 24, 1966
इंदिरा गांधी (1917 - 1984)जनवरी 24, 1966 - मार्च 24, 1977
मोरारजी देसाई (1896 - 1995)मार्च 24, 1977 - जुलाई 28, 1979
चरण सिंह (1902 - 1987)जुलाई 28, 1979 - जनवरी14 , 1980
इंदिरा गांधी (1917 - 1984)जनवरी 14, 1980 - अक्टूबर 31 , 1984
राजीव गांधी (1944 - 1991)अक्टूबर 31, 1984 - दिसंबर 01, 1989
विश्वनाथ प्रताप सिंह (1931 - 2008)दिसंबर 02, 1989 - नवंबर 10, 1990
चंद्रशेखर (1927 - 2007)नवंबर 10, 1990 - जून 21, 1991
पी. वी. नरसिम्हा राव (1921 - 2004)जून 21, 1991 - मई 16, 1996
अटल बिहारी वाजपेयी (1926)मई 16, 1996 - जून 01, 1996
एच. डी. देवेगौड़ा (1933)जून 01, 1996 - अप्रैल 21, 1997
इंद्रकुमार गुजराल (1933 - 2012)अप्रैल 21, 1997 - मार्च 18, 1998
अटल बिहारी वाजपेयी (जन्म - 1926)मार्च 19, 1998 - अक्टूबर 13, 1999
अटल बिहारी वाजपेयी (जन्म - 1926)अक्टूबर 13, 1999 - मई 22, 2004
डॉ. मनमोहन सिंह (जन्म - 1932)मई 22, 2004 - मई 26, 2014
नरेन्द्र मोदी (जन्म - 1950)मई 26, 2014 - वर्तमान तक

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